सरकारी योजनाएं
एनईएफ
राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ)
भारत सरकार ने राष्ट्रीय विद्युत निधि (ब्याज सब्सिडी) योजना को इसलिए अनुमोदित किया है ताकि वितरण परियोजनाओं के तहत विभिन्न पूंजीगत कार्यों के संबंध में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की विद्युत यूटिलिटियों द्वारा लिए गए ऋणों पर सुधार उपायों के साथ संबद्ध ब्याज सब्सिडी प्रदान करके वितरण क्षेत्र में पूंजीगत निवेश को बढ़ावा दिया जा सके। आर-एपीडीआरपी परियोजनाओं एवं इसके अधीन शामिल निर्माण कार्यों को छोड़कर (निवेश के लिए अनुदान/सब्सिडी गैर-दोहराव और गैर-अतिव्यापन को सुनिश्चित करने हेतु) यह योजना संपूर्ण देश और सभी निर्माण कार्यों पर लागू होगी। राष्ट्रीय विद्युत निधि योजना में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में वितरण यूटिलिटियों द्वारा लिए गए ऋणों पर 14 वर्षों की अवधि के लिए समग्र रूप से 8,466 करोड़ रुपए की ब्याज सब्सिडी और अन्य प्रभार प्रदान करने का प्रावधान है।
12वीं पंचवर्षीय योजना के विद्युत संबंधी कार्य समूह के अनुसार, विद्युत क्षेत्र के लिए निधियों की आवश्यकता 11वीं योजना के लिए अनुमानित रूप से 10,31,600 करोड़ रुपए थी, जिसमें विद्युत उत्पादन क्षेत्र के लिए 5,66,396 करोड़ रुपए, विद्यमान विद्युत उत्पादन संयंत्रों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 15,875 करोड़ रुपए और डीडीजी सहित पारेषण एवं वितरण (टी एंड डी) क्षेत्र के लिए 4,47,000 करोड़ रुपए की राशि शामिल है। डीडीजी सहित वितरण क्षेत्र के लिए आकलित निधि की आवश्यकता 3,07,000 करोड़ रुपए की थी, हालांकि, 11वीं योजना का संभावित व्यय 1,00,000 करोड़ रुपए अर्थात लगभग 32.57% मात्र है। वितरण क्षेत्र, अत्यंत महत्वपूर्ण तथा विद्युत क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में एक कमजोर कड़ी है, जो सभी आय को दिशा देता है तथा क्षेत्र की संपूर्ण स्थिरता के लिए उत्तरदायी है। राष्ट्रीय विद्युत निधि का सृजन अत्यधिक प्रासंगिक है, क्योंकि यह 12वीं योजना के लिए नियोजित विद्युत उत्पादन क्षमता के लक्ष्यों के साथ निवेशों की प्राप्ति के लिए यूटिलिटियों को प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रीय विद्युत निधि से संबंधित अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट nefgov.in(4 KB) PDF देखें।