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आरईसीपीडीसीएल ने कल्लम ट्रांसको लिमिटेड एसपीवी को इंडिग्रिड और जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड एसपीवी को टाटा पावर को सौंपा
तारीख 05-04-2024
गुरुग्राम, 5 अप्रैल 2024 – आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसयू और अग्रणी एनबीएफसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने शुक्रवार को दो परियोजना विशिष्ट एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) सौंपे। इसमें कल्लम ट्रांसको लिमिटेड और जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड का गठन "महाराष्ट्र के कल्लम क्षेत्र में पश्चिमी क्षेत्र नेटवर्क विस्तार योजना" और संबंधित लाइनों - 400/220 केवी के साथ, 2×500 एमवीए जीआईएस सबस्टेशन मेट्रो डिपो (जीआर नोएडा) निर्माण के लिए किया गया। इसके साथ ही 2×500 एमवीए जीआईएस सबस्टेशन जलपुरा को टैरिफ आधारित बोली प्रक्रिया के माध्यम से सौंपा गया।
मेसर्स इंडिग्रिड 2 लिमिटेड और इंडिग्रिड 1 लिमिटेड (कंसोर्टियम) महाराष्ट्र के कल्लम क्षेत्र में पश्चिमी क्षेत्र नेटवर्क विस्तार योजना के विकास के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अंतर राज्य ट्रांसमिशन परियोजना के लिए सफल बोलीदाता थी और मेसर्स टाटा पावर कंपनी लिमिटेड अंतर-राजीय परियोजना के लिए संबधित लाइनों और 400/220 केवी, उत्तर प्रदेश सरकार की 2×500 एमवीए जीआईएस सबस्टेशन जलपुरा के साथ 400/220 केवी, 2×500 एमवीए जीआईएस सबस्टेशन मेट्रो डिपो (जीआर नोएडा) के निर्माण के लिए सफल बोलीदाता थी।
आरईसीपीडीसीएल दोनों परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक थी।
एसपीवी को श्री राजेश कुमार, सीईओ, आरईसीपीडीसीएल और आरईसीपीडीसीएल, आरईसी लिमिटेड, सीटीयूआईएल और यूपीपीटीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बोलीदाताओं को सौंप दिया गया।
आरईसीपीडीसीएल के बारे में –
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, आरईसीपीडीसीएल, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न वितरण सुधार परियोजनाओं के लिए 50 से ज्यादा राज्य बिजली वितरण कंपनियों और राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान कर रही है। आरईसीपीडीसीएल ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं और आरई-बंडलिंग परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में कार्य कर रहा है। पीएमडीपी और आरडीएसएस परियोजनाओं के तहत आरईसीपीडीसीएल गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्मार्ट मीटरिंग, वितरण और ट्रांसमिशन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उन्नयन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। अपनी मुख्य क्षमताओं से परे, आरईसीपीडीसीएल अब महत्वपूर्ण अधिशेष नकदी परिसंपत्तियों के निवेश द्वारा स्थिर राजस्व की धारा उत्पन्न करने के लिए विविध व्यवसाय मॉडल के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उद्यम करने की तैयारी कर रहा है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में –
आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।