हमारे बारे में
निगम की रूप-रेखा
आरईसी, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक 'महारत्न' कंपनी है और भारतीय रिज़र्व बैंक में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है।
देश में गंभीर सूखे और अकाल की पृष्ठभूमि में, सिंचाई के उद्देश्य से कृषि पंप-सेट को मजबूत करने के लिए 1969 में आरईसी का गठन किया गया था, जिससे मानसून पर कृषि की निर्भरता में कमी की जा सके। अपनी सधी हुई शुरुआत से, आरईसी ने उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई तकनीकों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैट्री स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन आदि सहित संपूर्ण विद्युत-इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को कवर करने के लिए अपने वित्तपोषण अधिदेश को विकसित और विस्तारित किया है। हाल ही में, आरईसी ने गैर-विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी विस्तार किया है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेस वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और अन्य विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्टील, रिफाइनरी आदि के संबंध में इलेक्ट्रोमैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को दीर्घावधि ऋण और अन्य वित्तपोषण उत्पाद प्रदान करता है।
दिनांक 31.03.24 तक, आरईसी के पास राज्य क्षेत्र के लिए 89% ऋण के साथ ₹5,09,371 करोड़ की लोन बुक थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सार्वजनिक उद्यम सर्वेक्षण के अनुसार कंपनी का नेट वर्थ ₹68,783 करोड़ था, निवल लाभ की दृष्टि से लाभ कमाने वाले सभी 193 सीपीएसई में आरईसी 7वें स्थान पर है।
आरईसी, विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभाता रहा है। पूर्व में, आरईसी को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीनदयाल उपाध्यय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी के रूप में शामिल किया गया था। इन योजनाओं के परिणामस्वरूप देश के अंतिम छोर तक वितरण प्रणाली, 100% ग्रामीण विद्युतीकरण और घरों के विद्युतीकरण को मजबूत किया गया। आरईसी को संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों की नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
आरईसी विदेशी उधारियों के अलावा बॉन्ड और सावधिक ऋणों सहित विभिन्न परिपक्वताओं की बाजार उधारियों के साथ अपने कारोबार का वित्तपोषण करता है। आरईसी को आईआरआरपीएल, क्रिसिल और आईसीआरए से दीर्घावधि उधार लेने के लिए "एएए" की उच्चतम घरेलू रेटिंग प्राप्त है। अंतरराष्ट्रीय आधार पर, आरईसी संप्रभु रेटिंग के समतुल्य, मूडीज से "बीएए3" और फिंच से "बीबीबी-" की रेटिंग प्राप्त है।
प्रभावी सेवा प्रदान करने के लिए आरईसी अपने 22 राज्यीय कार्यालयों के माध्यम से देश भर में कार्यरत है।
आरईसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी आरईसीपीडीसीएल (आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड) विद्युत क्षेत्र में मूल्यवर्धित परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।
आरईसी इंस्टीट्यूट ऑफ पावर मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग (आरईसीआईपीएमटी) वर्ष 1979 में हैदराबाद में स्थापित एक प्रशिक्षण संस्थान है, जिसका उद्देश्य विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण प्रणालियों और गैर-पारंपरिक/नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार और उन्हें आयोजित करना है।