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आरईसी ने वित्तीय रिपोर्टिंग 2022-23 में उत्कृष्टता के लिए आईसीएआई पुरस्कार जीता
तारीख 16-01-2024
गुरुग्राम, 16 जनवरी 2024 : आरईसी लिमिटेड, महारत्न पीएसयू और अग्रणी एनबीएफसी, को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए आईसीएआई पुरस्कारों में 'वित्तीय सेवा क्षेत्र (बैंकिंग और बीमा के अलावा)' श्रेणी के अंतर्गत सम्मानित किया गया है।
आरईसी के निदेशक (वित्त) श्री अजॉय चौधरी, ईडी (वित्त) श्री संजय कुमार और विभागाध्यक्ष (वित्त) श्री जतिन कुमार नायक ने रायपुर में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साई से पुरस्कार प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के माननीय कैबिनेट मंत्री श्री बृज मोहन अग्रवाल और श्री ओ.पी.चौधरी के साथ आईसीएआई के अध्यक्ष सीए अनिकेत सुनील तलाटी, उपाध्यक्ष सीए रंजीत कुमार अग्रवाल, अनुसंधान समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और आईसीएआई परिषद के सदस्य भी उपस्थित थे।
यह इस श्रेणी के तहत आईसीएआई द्वारा दिया जाने वाला एकमात्र पुरस्कार है और चयन लेखांकन प्रथाओं, प्रकटीकरण के लिए अपनाई गई नीतियों, वित्तीय विवरणों की प्रस्तुति, वार्षिक रिपोर्ट में शामिल अन्य जानकारी और भारतीय लेखा मानकों के अनुपालन की डिग्री, कंपनी द्वारा वैधानिक दिशानिर्देश, विनियम, आदि के आधार पर किया गया है।
श्री अजय चौधरी ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया और शीर्ष स्तर की वित्तीय प्रथाओं को बनाए रखने में आरईसी लिमिटेड की टीम के समर्पण पर प्रकाश डाला।
हाल ही में, आरईसी को जोखिम प्रबंधन में उसके असाधारण प्रदर्शन के लिए, इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा 'गोल्डन पीकॉक अवार्ड' से सम्मानित किया गया था। इसके अतिरिक्त, कंपनी को डन एंड ब्रैडस्ट्रीट पीएसयू अवार्ड्स 2023 में वित्तीय सेवा श्रेणी में 'सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय पीएसयू' पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया अपनी अनुसंधान समिति के माध्यम से संस्थाओं द्वारा वार्षिक रिपोर्टों में वित्तीय और साथ ही गैर-वित्तीय जानकारी की तैयारी और प्रस्तुति में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 1958 से वित्तीय रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लिए आईसीएआई पुरस्कारों का आयोजन करता है।
आरईसी के बारे में –
आरईसी लिमिटेड, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है, जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। इसकी स्थापना साल 1969 में हुई थी और इसने अपने परिचालन के 50 वर्ष से अधिक पूरे कर लिए हैं। यह राज्य विद्युत बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र व राज्य बिजली उपयोगिताओं, स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला के तहत विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं, जैसे कि उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा का वित्तपोषण शामिल है। आरईसी की ओर से प्रदत्त वित्तीयपोषण फंडिंग से भारत में हर चौथा बल्ब रोशन होता है। आरईसी ने हाल ही में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के वित्तपोषण के क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के अंत में आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.74 लाख करोड़ रुपये की है।