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मीडिया लाउंज

आरईसी ने वितरण क्षेत्र के सुधारों को बढ़ावा देने के लिए जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू के साथ 200 मिलियन यूरो के ऋण पर हस्ताक्षर किए
तारीख 08-12-2023

गुरूग्राम, 8 दिसंबर 2023: विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न कंपनी सीपीएसई आरईसी लिमिटेड ने शुक्रवार को जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू के साथ 200 मिलियन यूरो के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह भारत-जर्मन विकास सहयोग के तहत आरईसी की छठी क्रेडिट लाइन है और भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अनुरूप डिस्कॉम की वितरण बुनियादी अवसरंचना में वृद्धि करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।          

इस हस्ताक्षर कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में श्री वोल्फ मुथ, कंट्री डायरेक्टर (भारत); सुश्री कैरोलिन गैस्नर, निदेशक (दक्षिण एशिया); और जर्मन दूतावास के अधिकारियों के साथ केएफडब्ल्यू के विभाग के प्रमुख डॉ. जुएर्गन वेल्सचोफ़ उपस्थित थे। आरईसी लिमिटेड की ओर से इस कार्यक्रम में श्री टी.एस.सी. बोष, कार्यपालक निदेशक (बीडीएम, आई एंड एल) श्रीमती वल्ली नटराजन, कार्यपालक निदेशक (एसओपी) और श्री सौरभ रस्तोगी, मुख्य महाप्रबंधक (बीडीएम) ने हिस्सा लिया।

यह अवसर देश में वितरण क्षेत्र में सुधार के लिए आरईसी की सतत प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। सरकार ने डिस्कॉम की पूर्व-अर्हता मानदंडों को पूरा करने और न्यूनतम बेंचमार्क प्राप्त करने के आधार पर आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए डिस्कॉम को परिणाम संबद्ध वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने में मदद करने के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना आरडीएसएस शुरू की।

“यह घोषणा न केवल अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ रणनीतिक साझेदारी को सुरक्षित करने की आरईसी की क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि भारत में विद्युत वितरण परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने में हमारी अभिन्न भूमिका को भी दर्शाता है। ”श्री बोष ने कहा केएफडब्ल्यू के साथ सहयोग से डिस्कॉम की परिचालन क्षमताओं और वित्तीय लचीलेपन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो अंततः आरडीएसएस योजना के व्यापक लक्ष्यों और देश के विद्युत क्षेत्र के सुधारों में योगदान देता है।

विद्युत मंत्रालय के अधीन 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड एक महारत्न सीपीएसई है जो विद्युत-बुनियादी अवसरंचना क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्तीय उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में आरईसी गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाया है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और स्टील, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी की लोन बुक 4,74,275 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

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