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आरईसी को गिफ्ट सिटी, गुजरात में सहायक कंपनी स्थापित करने के लिए आरबीआई की मंजूरी मिली
तारीख 05-05-2024
गुरुग्राम, 5 मई 2024 – आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न सीपीएसई और अग्रणी एनबीएफसी को गुजरात के गांधीनगर में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) में एक सहायक कंपनी स्थापित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' (एनओसी) प्राप्त हुआ है।
भारत में वित्तीय सेवाओं के उभरते केंद्र गिफ्ट में परिचालन का विस्तार करने का निर्णय उस वक्त लिया गया है, जब आरईसी अपने पोर्टफोलियो में विविधता और विकास के नए रास्ते तलाश रही है। प्रस्तावित सहायक कंपनी गिफ्ट में एक वित्त कंपनी के रूप में ऋण, निवेश और अन्य वित्तीय सेवाओं सहित कई वित्तीय गतिविधियों में संलग्न होगी।
इस मौके पर आरईसी लिमिटेड के सीएमडी श्री विवेक कुमार देवांगन ने कहा, “गिफ्ट सिटी प्लेटफॉर्म विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ अंतरराष्ट्रीय ऋण गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हमें विश्वास है कि आरईसी वैश्विक बाजार में अपने लिए जगह बनाने के लिए इन लाभों का उपयोग करेगा। गिफ्ट सिटी की इकाई न केवल आरईसी के लिए नए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगी बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। हम वैश्विक मंच पर अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए भारत के बिजली और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देंगे, साथ ही आरईसी के मिशन को आगे बढ़ाते हुए इस रणनीतिक कदम का लाभ उठाएंगे।
आरईसी को आरबीआई से 3 मई, 2024 को "अनापत्ति प्रमाण पत्र" प्राप्त हुआ है। यह पत्र गुजरात के गांधीनगर स्थित गिफ्ट में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्थापित करने के लिए दिया गया है।
आरईसी विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक महारत्न कंपनी है और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, पंप स्टोरेज परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियों सहित पूरे विद्युत अवसरंचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है। हाल ही में आरईसी गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाया है जिसमें सड़क और एक्सप्रेस वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचा (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और अन्य विभिन्न क्षेत्र जैसे इस्पात, रिफाइनरी आदि के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में -
आरईसी विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक महारत्न कंपनी है और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, पंप स्टोरेज परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियों सहित पूरे विद्युत अवसरंचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है। हाल ही में आरईसी गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाया है जिसमें सड़क और एक्सप्रेस वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचा (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और अन्य विभिन्न क्षेत्र जैसे इस्पात, रिफाइनरी आदि के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है।
आरईसी लिमिटेड विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की अग्रणी योजनाओं में प्रमुख रणनीतिक की भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी के रूप में चुना गया था, इन योजनाओं के परिणामस्वरूप देश के अंतिम छोर तक वितरण प्रणाली को मजबूत तथा 100% ग्रामीण और घरेलू विद्युतीकरण किया गया। आरईसी को कुछ राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। दिनांक: 31 मार्च 2024 तक आरईसी की लोन बुक ₹5.09 लाख करोड़ एवं नेट वर्थ ₹68,783 करोड़ रुपये है।