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आरईसी एच1 परिणाम: ₹ 7,448 करोड़ का अब तक का सर्वाधिक अर्धवार्षिक लाभ
तारीख 26-10-2024
₹4.00 प्रति शेयर का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया
दिल्ली, 26 अक्टूबर 2024: आज आरईसी लिमिटेड के निदेशक मण्डल ने 30 सितंबर, 2024 को समाप्त छमाही के लिए सीमित समीक्षित स्टैंडअलोन और समेकित वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी।
परिचालन और वित्तीय विशेषताएं: वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही (स्टैंडअलोन)
- परिचालनों से राजस्व: ₹11,576 करोड़ की तुलना में ₹13,571 करोड़, 17% की वृद्धि
- कुल आय: ₹11,590 करोड़ की तुलना में ₹13,596 करोड़, 17% की वृद्धि
- निवल ब्याज आय: ₹4,091 करोड़ की तुलना में ₹5,012 करोड़, 22% की वृद्धि
- संवितरण: ₹41,598 करोड़ की तुलना में ₹47,303 करोड़, 14% की वृद्धि
- नवीकरणीय में संवितरण: ₹4,309 करोड़ की तुलना में ₹5,946 करोड़, 38% की वृद्धि
परिचालन और वित्तीय विशेषताएं: वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024 की पहली छमाही (स्टैंडअलोन)
- परिचालनों से राजस्व: ₹22,552 करोड़ की तुलना में ₹26,594 करोड़, 18% की वृद्धि
- कुल आय: ₹22,571 करोड़ की तुलना में ₹26,633 करोड़, 18% की वृद्धि
- निवल ब्याज आय: ₹7,763 करोड़ की तुलना में ₹9,723 करोड़, 25% की वृद्धि
- नवीकरणीय क्षेत्र को कुल स्वीकृतियां: ₹49,929 करोड़ की तुलना में ₹60,391 करोड़, 21% की वृद्धि
- संवितरण: ₹75,731 करोड़ की तुलना में ₹90,955 करोड़, 20% की वृद्धि, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा को संवितरण एक प्रमुख भाग था: ₹5,843 करोड़ की तुलना में ₹11,297 करोड़, यानी वर्ष दर वर्ष 93% की वृद्धि
- निवल लाभ: ₹6,734 करोड़ की तुलना में ₹7,448 करोड़, 11% की वृद्धि
- यील्ड: 9.90% की तुलना में 10.08%, 18 बीपीएस की वृद्धि
- फंड की औसत लागत: 7.17% की तुलना में 7.12%, 5 बीपीएस की गिरावट
- स्प्रेड: 2.73% की तुलना में 2.96%, 23 बीपीएस की वृद्धि
सभी क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी, ऋण परिसंपत्तियों पर ब्याज दरों को फिर से निर्धारित करने और वित्त लागत के प्रभावी प्रबंधन के कारण, आरईसी अपने स्प्रेड और एनआईएम को स्थिर बनाए रखने में सक्षम है, जिसके परिणामस्वरूप ₹7,448 करोड़ का कर पश्चात अर्धवार्षिक लाभ हुआ है। परिणामस्वरूप, 30 सितंबर, 2024 को समाप्त अवधि के लिए प्रति शेयर आय (ईपीएस) बढ़कर ₹28.28 (वार्षिकीकृत ₹56.56) प्रति शेयर हो गई, जबकि 30 सितंबर, 2023 को यह ₹25.57 (वार्षिकीकृत ₹51.14) प्रति शेयर थी।
ऋण बही यानी प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति (एयूएम) ने अपनी वृद्धि की गति को बनाए रखा है और 30 सितंबर, 2023 तक ₹4.74 लाख करोड़ की तुलना में निरंतर आधार पर 15.2% से बढ़कर ₹5.46 लाख करोड़ हो गई है। 30 सितंबर, 2024 तक नेट क्रेडिट-इम्पेयर्ड एसेट्स 30 सितंबर, 2023 तक 0.96% से घटकर 0.88% हो गई हैं, 30 सितंबर, 2024 तक एनपीए परिसंपत्तियों पर प्रावधान कवरेज अनुपात 65.12% है।
सभी क्षेत्रों में वृद्धि के कारण, निवल संपत्ति 30 सितंबर, 2024 तक ₹72,893 करोड़ हो गई है, जबकि 30 सितंबर, 2023 को यह ₹63,117 करोड़ थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15% की वृद्धि दर्शाता है।
भविष्य में विकास को सहयोग देने के लिए पर्याप्त अवसर का संकेत देते हुए, कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) 30 सितंबर, 2024 तक 25.31% के बेहतर स्तर पर है।
अपने शेयरधारकों को पुरस्कृत करने की परंपरा को जारी रखते हुए, कंपनी के निदेशक मण्डल ने ₹4.00 प्रति इक्विटी शेयर (₹10/- प्रत्येक के अंकित मूल्य पर) का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाया है जिसमें सड़क और एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक की भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रहा है, जिसके परिणामस्वरूप देश के अंतिम छोर तक वितरण प्रणाली, 100% ग्रामीण विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है।