सरकारी योजनाएं
पावर फॉर ऑल
"सभी के लिए 24x7 विद्युत" कार्यक्रम (केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की संयुक्त पहल)
बिजली की खपत सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है जो राष्ट्र के विकास स्तर का निर्णय लेता है। यह बढ़ी हुई आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण घटक है और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्वसनीय एवं गुणवत्ता की विद्युत की आपूर्ति एक दक्ष तरीके से प्रदान करना आज की तात्कालिक आवश्यकता है। ग्राहक आधार में वृद्धि, जीवन शैली में परिवर्तनों और खपत पैटर्न के कारण बिजली की मांग में सतत् वृद्धि हो रही है जिसके लिए ग्राहक की उम्मीदों को पूरा करने के लिए उत्पादन, पारेषण और वितरण में नई विद्युत अवसंरचना के सृजन तथा सतत रूप से पुनः जोर देने की आवश्यकता होती है।
यह कार्यक्रम 2019 तक सभी के लिए 24x7 विद्युत की सुविधा देने हेतु सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) के साथ भारत सरकार की संयुक्त पहल है।
कार्यक्रम के उद्देश्यः
- घरेलू, औद्योगिक और अन्य उपभोक्ताओं को विश्वसनीय 24x7 आपूर्ति।
- कृषि उपभोक्ताओं को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति।
- अगले पांच वर्षों में अर्थात वित्तीय वर्ष 2018-19 तक बिजली से न जुड़े सभी घरों को बिजली की पहुँच प्रदान करना।
उपर्युक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सभी के लिए विद्युत हेतु राज्य विशिष्ट रोड मैप को पीएफए दस्तावेजों के रूप में राज्यों के साथ परामर्श करके अंतिम रूप दे दिया गया है। पीएफए दस्तावेज में निम्नलिखित शामिल हैं:
- उत्पादनः भविष्य के लिए विद्युत की मांग में अनुमानित वृद्धि को पूरा करने के लिए वहनीय कीमत पर विभिन्न स्रोतों से विद्युत के लिए पर्याप्त क्षमता अभिवृद्धि योजना एवं सपर्क सुनिश्चित करना।
- पारेषणः मौजूदा एवं आगामी उपभोक्ताओं की मांग में प्रत्याशित वृद्धि को पूरा करने के लिए पारेषण (अंतर-राज्यीय/अंतःराज्यीय) नेटवर्क को सुदृढ़ करना।
- वितरणः नए वितरण नेटवर्क के सृजन के साथ सभी घरों को पहुँच प्रदान करना अथवा मौजूदा अवसंरचना को सुदृढ़ बनाना।
- वित्तीय अर्थक्षमताः यूटिलिटी के वित्त में परिसमापन सुनिश्चित करने के लिए निवेश को अनुकूलतम बनाने तथा आवश्यक तुलन पत्र पुनर्गठन उपाय करने सहित वित्तीय उपाय। सहमत लॉस रिडक्शन ट्रेजेक्टरी के अनुसार समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों की कमी सुनिश्चित करना।
- नवीकरणीय ऊर्जाः संबद्ध निष्क्रमण प्रणाली (ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर) के साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की वृद्धि की योजना।
- ऊर्जा दक्षताः ऊर्जा दक्ष कृषि पंखों को बदलने, एलईडी बल्बों का प्रयोग बढ़ाने, सोलर स्ट्रीट लाइटों आदि जैसे विभिन्न ऊर्जा दक्ष उपायों को अपनाना।
वर्ष 2018-19 तक उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, वहनीय और गुणवत्ता की विद्युत प्रदान करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी 29 राज्यों और 7 संघ राज्य क्षेत्रों में इन रोड मैप दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
राज्य से उम्मीद:
राज्यों से अपेक्षा है कि वे
- उन मुद्दों को केंद्र सरकार की जानकारी में लाएं जिनके लिए किसी केंद्रीय मंत्रालय से सहायता की आवश्यकता है अथवा मुद्दों को हल करने में विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय की आवश्यकता है।
- सर्वोत्तम परिपाटियों को अपनाएं तथा उन अन्य राज्यों को प्रेरित करें जो प्रत्येक घर को बिजली प्रदान करने में नवोनव्य दृष्टिकोण के साथ आगे आए हैं।
- उन सुदूर क्षेत्रों को बिजली प्रदान करने में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग करने की संभावनाओं का पता लगाएं जहां ग्रिड कनेक्शन को बढ़ाना अर्थक्षम नहीं है।
- वित्तपोषण की आवश्यकता में अंतराल, यदि कोई है, को दूर करने की व्यवस्था करने में सहायता के लिए केंद्र सरकार को लिखें।
- नियमित रूप से परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक मॉनीटरिंग दल का गठन करें।
- विद्युत मंत्रालय ने केंद्रीय परियोजना यूनिट के साथ नियमित समन्वय के लिए एक पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि केंद्र और राज्य सरकार सभी के लिए 24x7 विद्युत के मिशन को पूरा करने में हमेशा सिंक्रोनाइज रहें।
मॉनीटरिंग तंत्र
- "सभी के लिए 24x7 विद्युत" की कागजरहित मॉनीटरिंग की योजना बनाई गई है।
- संयुक्त सचिव (वितरण) की अध्यक्षता में एक केंद्रीय कार्यक्रम मॉनीटरिंग यूनिट (सीपीएमयू), जिसमें कार्यकारी निदेशक (टीएंडडी), आरईसी संयोजक के रूप में हैं, आरईसी, पीएफसी, एनएचपीसी और सीईए से अधिकारियों सहित गठित की गई है।
- पीएफए कार्यक्रम की मॉनीटरिंग के लिए प्रत्येक राज्य एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा।
- पीएफए कार्यक्रम की मॉनीटरिंग पूरी तरह से एक पृथक वेब पोर्टल के माध्यम से की जा रही है।
अधिक जानकारी के लिए www.powerforall.co.in(4 KB) PDF देखें।